फाइलेरिया उन्मूलन • जिले में चलेगा नाइट ब्लड सर्वे अभियान, स्वास्थ्य कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण



- सिविल सर्जन कार्यालय परिसर स्थित सभागार हाॅल में प्रशिक्षण आयोजित 

- जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के लैब टेक्नीशियन को दिया गया प्रशिक्षण 


शेखपुरा, 11 अक्टूबर। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले में नाइट ब्लड सर्वे  अभियान चलेगा। जिसकी सफलता को लेकर मंगलवार को सिविल सर्जन कार्यालय परिसर स्थित सभागार हाॅल में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी, रेफरल एवं अनुमंडल के अस्पताल के दो-दो लैब टेक्नीशियन शामिल हुए। बैठक में मौजूद सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सिविल सर्जन डाॅ पृथ्वीराज ने नाइट बल्ड सर्वे कैसे किया जाएगा, सर्वे के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना है, समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी विस्तार पूर्वक दी। वहीं, सिविल सर्जन ने बताया कि एमडीए (आईडीए) कार्यक्रम के तहत जिले भर में  नाइट बल्ड सर्वे अभियान चलाया जाएगा। जिसके दौरान चयनित जगहों पर शिविर आयोजित कर गठित मेडिकल टीम द्वारा सैंपल लिया जाएगा। इसके अलावा संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर लोगों को सैम्पलिंग कराने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा । ताकि संबंधित मरीजों की  समुचित जाँच सुनिश्चित हो सके और शुरुआती दौर में ही बीमारी की  सही जानकारी मिल सके। इससे ना सिर्फ मरीजों का समसय इलाज शुरू होगा बल्कि, फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को भी गति मिलेगी। इस दौरान सर्वे करने वाली मेडिकल टीम द्वारा सामुदायिक स्तर पर लोगों को इस कार्यक्रम के उद्देश्य समेत फाइलेरिया से बचाव, इसके कारण, लक्षण और उपचार की भी जानकारी दी जाएगी। 


- अभियान की सफलता को लेकर बनाई जाएगी एक्शन  प्लान : 

वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार ने बताया,

कार्यक्रम की सफलता को लेकर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग और संकल्पित है। नाइट बल्ड सर्वे अभियान की सफलता को लेकर एक्शन  प्लान तैयार कर एक-एक व्यक्ति  का रक्त संग्रह किया जाएगा। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अलावा आईसीडीएस, जीविका, केयर इंडिया समेत अन्य सहयोगी संगठन के पदाधिकारी और कर्मियों का भी सहयोग लिया जाएगा। 


- फाइलेरिया से बचाव के लिए शुरुआती दौर में ही बीमारी की जानकारी जरूरी, इसलिए जरूर कराएं जाँच : 

फाइलेरिया से बचाव के लिए शुरुआती दौर में ही बीमारी की सही जानकारी होनी  जरूरी है। किन्तु, यह तभी संभव है, जब शुरुआती यानी लक्षण दिखते ही जाँच करायी  जाएगी । इसलिए, हर व्यक्ति को निश्चित रूप से जाँच करानी  चाहिए  और फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के प्रभाव से दूर रहना चाहिए । रात के 08 बजे से 12 बजे के बीच का समय इस बीमारी की जाँच करने के लिए सबसे उपयुक्त  है। दरअसल, इस दौरान कीटाणु सक्रिय होता है। जिसके कारण आसानी के साथ शुरुआती दौर में बीमारी की  सही जाँच संभव है। इसी उद्देश्य से नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम का निर्णय लिया गया।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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