- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice

1173 लक्षण वाले मरीज मिले थे, सघन जांच के बाद कुष्ठ की हुई पुष्टि
- by
- Oct 19, 2022
- 1784 views
-जिले में 8 से 17 अक्टूबर तक चलाया गया अभियान, घर-घर खोजा गया मरीजों को
भागलपुर, 19 अक्टूबर। जिले में 8 से 17 अक्टूबर तक कुष्ठ रोगी खोजी अभियान चलाया गया। एलसीडीसी कार्यक्रम के तहत कुल 2654 खोजी दलों के माध्यम से 05, 24, 108 घरों में जाकर कुल 27, 59, 823 व्यक्तियों की शारीरिक परीक्षण कर 1173 लक्षण वाले कुष्ठ मरीजों की पहचान हुई। इसकी संपुष्टि स्थानीय सरकारी अस्पतालों पर कुष्ठ कर्मियों के सहयोग से चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा की गई । इनमें 48 कंफर्म मरीजों की पुष्टि हुई, जिनका इलाज कर दिया गया है। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन और सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा के नेतृत्व और एसीएमओ डॉ. अंजना कुमारी की निगरानी में यह अभियान चलाया गया। इसमें जिला स्तरीय नोडल चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शम्स आजाद, चिकित्सक डॉ. अब्दुल रब्बानी एवं डॉ. कमलेश कुमार और जिला कुष्ठ निवारण कार्यालय के सभी पारा कर्मियों ने सहयोग किया। इसे लेकर कुल 132 सुपरवाइजर और 18 नोडल पदाधिकारी बनाए गए थे। भागलपुर शहरी क्षेत्र में 185 टीम और 10 सुरवाइजर ने अभियान चलाया। एसीएमओ डॉ. अंजना कुमारी ने बताया कि अभियान के दौरान खोजी दल ने घर-घर जाकर लोगों के शारीरिक परीक्षण किए। खोजी दल में एक पुरुष और एक महिला को रखा गया था। पुरुष की जांच पुरुष ने की तो महिलाओं की जांच महिला ने की। महिला सदस्य के रूप में आशा कार्यकर्ता या फिर आंगनबाड़ी सेविका या सहायिका का चयन किया गया था। वहीं पुरुष के रूप में वॉलेंटियर का चयन हुआ था। सुपरवाइजर के रूप में आशा फैसिलिटेटर को लगाया गया था।
कुष्ठ के लक्षण वाले मरीज मिलने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर होगा इलाजः डॉ. अंजना कुमारी ने बताया कि अभियान के दौरान टीम के सदस्य को यदि किसी के शरीर पर दाग य धब्बा दिखाई पड़ा तो उनसे तीन सवाल पूछ रहे थे। पहला सवाल यह था कि दाग जन्म से तो नहीं है। दूसरा सवाल था दर्द भी करता है और तीसरा सवाल था खुजलाहट होती है क्या। अगर संदिग्ध मरीज मिला तो उसकी जांच की गई। जांच में जिसके कुष्ठ होने की पुष्टि हुई उसका स्थानीय सरकारी अस्पताल में उसका इलाज कराया जा रहा है। गंभीर मरीजों का जिला कुष्ठ निवारण समिति में इलाज कराया जाएगा। जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल और अनुमंडल अस्पताल के साथ सदर अस्पताल व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुष्ठ रोगियों के इलाज की व्यवस्था है।
ज्यादा गंभीर मरीज मिलने पर इलाज के लिए भेजा जाएगा मुजफ्फरपुरः डॉ. अंजना कुमारी ने बताया कि अभियान के दौरान मिले लक्षण वाले मरीजों के सघन परीक्षण के बाद अगर कोई ज्यादा गंभीर मरीज मिलता है तो उसे इलाज के लिए टीएलएम अस्पताल मुजफ्फरपुर भेजा जाएगा। इलाज में मरीज को किसी भी तरह का खर्च नहीं आएगा। साथ ही इलाज के दौरान उन्हें जो आर्थिक नुकसान होगा, उसकी भरपाई के लिए आठ हजार रुपये सहायता राशि भी दी जाएगी। वहीं, उन्होंने बताया कि ऐसे मरीज जो कि कुष्ठ होने की वजह से कोई भी काम करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें 15 सौ रुपये प्रतिमाह पेंशन भी प्रशासनिक स्तर पर दिया जाता है। लोगों से मेरी अपील है कि इस अभियान में अपना सहयोग देकर जिले को कुष्ठ से मुक्त बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
संबंधित पोस्ट
Follow Us On
Subscibe Latest News
SUBSCRIBE US TO GET NEWS IN MAILBOX
लाइव क्रिकेट स्कोर
शेअर मार्केट
Ticker Tape by TradingView
Stock Market by TradingView
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Ajay Kumar