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आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाएं और सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए लगने वाली कतारों से मुक्ति पाएं
- सदर अस्पताल मुंगेर सहित जिला के सभी अस्पतालों में उपलब्ध हैं डिजिटल आभा हेल्थ कार्ड बनवाने और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कि सुविधा
- जिला भर में सितंबर 2023 से मार्च 2024 तक लगभग 3 लाख लोगों का बन चुका है डिजिटल आभा हेल्थ कार्ड
मुंगेर-
आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाएं और सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए लगने वाली कतारों से मुक्ति पाएं । इस आशय की जानकारी सोमवार को सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि नेशनल हेल्थ प्राधिकरण (नेशनल हेल्थ अथॉरिटी) के द्वारा आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) 14 अंकों वाली एक विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान है । इसकी मदद से आप अपने स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड को डिजिटल तरीके से स्टोर रख सकते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर कभी भी कही भी इलाज के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके माध्यम से आप पंजीकृत स्वास्थ्य सेवा कि सेवाओं को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं। इसके अलावा अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स जैसे लैब रिपोर्ट्स, डॉक्टर्स प्रिस्क्रिप्शन सहित अन्य मेडिकल रिकॉर्ड को स्टोर करते हुए विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के साथ आवश्यकता के अनुसार शेयर कर सकते हैं। इसके अलावा इसके माध्यम से आप कहीं से भी समय का बचत करते हुए हेल्थ केयर प्रोफेशनल से टेली कंसल्टेशन कर सकते हैं। आभा के माध्यम से आपको सबसे बड़ी सुविधा किसी भी सरकारी अस्पतालों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा कर अपना अपॉइंटमेंट बुक करवा कर ओपीडी में रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाली लंबी- लंबी कतारों से मुक्ति पा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल मुंगेर सहित जिला के सभी अस्पतालों में डिजिटल आभा हेल्थ कार्ड बनवाने और इसकी मदद से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कि सुविधा उपलब्ध है। जिला भर में सितंबर 2023 से मार्च 2024 तक लगभग 3 लाख लोगों का आभा डिजिटल हेल्थ अकाउंट बन चुका है।
आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन कि सिविल सर्जन कार्यालय स्थित जिला क्रियान्वयन इकाई (डीआईयू) कि जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी ) ज्योति कुमारी ने बताया कि जिले भर के सभी सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन (एबीडीएम ) के अंतर्गत डिजिटल आभा आईडी कार्ड के नाम से हेल्थ कार्ड बनाया जा रहा है। इसे आभा एप के माध्यम से बनाया जाता है। यह एक व्यक्तिगत हेल्थ रिकार्ड एप्लीकेशन है जो लोगों को हेल्थ रिकार्ड जैसे लैब रिपोर्ट्स, डॉक्टर्स प्रिस्क्रिप्शन, टीकाकरण प्रमाण पत्र आदि को लिंक करने और पंजीकृत डॉक्टरों से साझा करने कि सुविधा प्रदान करता है। इसके साथ ही इस एप के माध्यम से पंजीकृत स्वास्थ्य कर्मियों एवम स्वास्थ्य सुविधा प्रदाताओं कि जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। जिला में बिहार हेल्थ एप्लीकेशन विजनरी योजना फॉर ऑल (भाव्या) का ओपीडी मॉड्यूल क्रियान्वित है। जहां स्कैन और शेयर के द्वारा ओपीडी रजिस्ट्रेशन कि सुविधा उपलब्ध है। भाव्या पोर्टल पर ही ओपीडी रजिस्ट्रेशन के दौरान लाभाबीर्थियों का आभा डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाया जा रहा है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के जिला क्रियान्वयन इकाई में आभा का कार्य देख रखे मो. शाहबाज आलम ने बताया आभा डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर से आभा एप इंस्टाल करना है। इसके बाद आभा नंबर बनाए पर क्लिक करना है। फिर ओटीपी का इस्तेमाल कर आधार और मोबाइल नंबर दर्ज करना है। इसके बाद आभा एड्रेस बनाने के बाद अपना आभा तैयार करने के लिए सबमिट पर क्लिक करना है। यहां आधार नंबर और ओटीपी का उपयोग केवल आभा वेरिफिकेशन के लिए दिया जाएगा आप एक मोबाइल नंबर को केवल 6 आभा तक ही लिंक कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ओपीडी में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के द्वारा इन एप को सक्षम बताया गया है।
1. आभा एप । 2. आरोग्य सेतु एप। 3. ड्रिफ केस एप।
4. पेटिएम। 5. ई का एप और 6. बी हेल्थ एप।
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Dr. Rajesh Kumar