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लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से गौरवान्वित है सम्पूर्ण राजस्थान प्रदेश एवं भारत -डॉ नयन प्रकाश गाँधी
सदन की गरिमा, भारत के लोकतंत्र का आधार स्तंभ है। यह केवल सदस्यों के शिष्टाचार और मर्यादित आचरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विचार-विमर्श की स्वतंत्रता, सभ्य बहस, रचनात्मक कार्यप्रणाली, और समग्र रूप से लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
भारत के लोकतंत्र में सदन की गरिमा का महत्व:
- लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व: सदन, जनता की इच्छाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। सदन की गरिमा, इन मूल्यों के प्रति सदस्यों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
- निष्पक्ष और न्यायपूर्ण निर्णय: सदन में विचार-विमर्श, विभिन्न दृष्टिकोणों पर विचार करने और सकारात्मक निर्णय लेने का अवसर प्रदान करते हैं। सदन की गरिमा, इस प्रक्रिया की निष्पक्षता और न्यायसंगतता सुनिश्चित करती है।
- जनता का विश्वास: सदन की गरिमा, जनता में लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति विश्वास और सम्मान को बढ़ाती है। यह सरकार में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
- राष्ट्रीय एकता और अखंडता: सदन, विविध विचारधाराओं और पृष्ठभूमि के लोगों को एक मंच प्रदान करता है। सदन की गरिमा, राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बिड़ला साहब छात्र राजनीति से आगे बढे हैं. वह 1979 में छात्र संघ के अध्यक्ष थे. और साल 2003 में हुए राजस्थान विधानसभा में कोटा दक्षिण से शांति धारीवाल के विरुद्ध अपनी पहली जीत दर्ज किया. राजनीति में आने से पहले बिड़ला साहब नेशनल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन लिमिटेड में काम किया करते थे. वहां वे कंपनी के उपाध्यक्ष के रूप में पदस्थापित थे.
बिड़ला साहब समाज सेवा में अधिक रूचि रखते हैं. उन्होने संसदीय सचिव (Parliamentary Secretary) के तौर पर कार्य की अवधि में गरीब और असहाय लोगो की आर्थिक सहायता की.
वर्तमान में ओम बिड़ला साहब भारतीय जनता पार्टी से कोटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचित सदस्य एवं लोकसभा का अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) हैं.
ओम बिरला को 18वीं लोकसभा की स्पीकर चुना गया है। इसके साथ ही वह दूसरी बार निर्वाचित होने वाले छठे स्पीकर बने हैं। इस लेख में हम ओम बिरला के राजनीतिक सफर पर नजर डालने के साथ-साथ उनके निजि जीवन के बारे में भी जानेंगे। कोटा संसदीय क्षेत्र से ओम बिरला 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष हो गए हैं। उन्हें ध्वनिमत के साथ लोकसभा स्पीकर चुन लिया गया है। इसके साथ ही वह दूसरी बार निर्वाचित होने वाले छठे स्पीकर भी बन गए हैं। आपको बता दें कि पहले लोकसभा अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर थे।लोकसभा अध्यक्ष संसद के निचले सदन का प्रमुख होता है। सरल भाषा में यह कहा जा सकता है कि लोकसभा का अध्यक्ष लोकसभा का बॉस होता है।अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा द्वारा नवनिर्वाचित संसद सदस्यों की पहली बैठक में अपने निर्वाचित सदस्यों में से किया जाता है।
राजनीतिक कैरियर
वह छात्र राजनीति से उभरे थे। वह 1979 में छात्र संघ के अध्यक्ष थे। ओम बिरला ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2003 में कोटा दक्षिण से जीता था। उन्होंने कांग्रेस के शांति धारीवाल को 10,101 मतों के अंतर से हराया था। वहीं, इसके अगले विधानसभा चुनाव 2008 में बिड़ला ने कांग्रेस के अपने निकटतम उम्मीदवार राम किशन वर्मा को 24,300 मतों के अंतर से हराया। आपको बता दें कि संसद सदस्य बनने से पहले उन्होंने 2013 में पंकज मेहता (कांग्रेस) के खिलाफ अपना तीसरा विधानसभा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वह लगभग 50,000 मतों से जीते थे। वहीं, 2003-08 में अपने कार्यकाल के दौरान बिड़ला ने राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव (एमओएस रैंक) थे। राजस्थान सरकार के संसदीय सचिव के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने गरीब, असहाय, गंभीर मरीजों को राज्य सरकार के माध्यम से 50 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान करके उनकी सहायता की। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की मदद की और राहत अभियान में राहत दल का नेतृत्व किया और 15-16 अगस्त 2004 को कोटा शहर में बाढ़ पीड़ितों को आश्रय और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की। उन्होंने विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से विकलांग, कैंसर रोगियों और थैलेसेमिया रोगियों की मदद की। विकलांगों को मुफ्त साइकिलें, व्हीलचेयर और श्रवण सहायता प्रदान की।उन्होंने गरीबों, असहाय और जरूरतमंदों को कपड़ों के मुफ्त वितरण के लिए मुफ्त कपड़े उपहार केंद्र स्थापित किए; गरीब, असहाय और जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन प्रदान करने के लिए "प्रसादम" स्थापित किए जहां ज़रूरतमंदों को एक दिन में दो समय का भोजन उपलब्ध कराया जाता हैं; और गरीबों, असहाय और जरूरतमंदों को मुफ्त उपचार और दवाएं प्रदान करने के लिए मेडिसिन बैंक स्थापित किए।तेरहवीं राजस्थान विधान सभा में 500 से अधिक प्रश्न पूछे और सदन में कम से कम 6 बार बहस में भाग लेने के लिए उनका नाम सदन के सितारे में शामिल किया गया । उन्होंने कोटा शहर में आईआईटी स्थापित करने के लिए ऐतिहासिक आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने जिला बुंदी में चंबल नदी के पानी की आपूर्ति के लिए आंदोलन शुरू किया। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ सिटी डेवलपमेंट टैक्स और मूवमेंट में छूट के लिए रावतभाता आंदोलन के लिए श्रेय भी उनको ही जाता है। नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर एसोसिएशन लिमिटेड नई दिल्ली के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए पूरे देश में सुपर बाजार योजना के नेटवर्क के विकास की योजना शुरू की।
ओम बिड़ला का राजनितिक सफरनामा एवं महत्वपूर्ण पद
- साल 1987 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष बने.
- साल 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बने.
- साल 1997 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
- साल 2003 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कोटा दक्षिण से निर्वाचित हुए.
- साल 2008 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में पुनः एक बार फिर कोटा दक्षिण से निर्वाचित हुए.
- साल 2013 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में तीसरी बार जीत दर्ज की.
- साल 2014 में मोदी लहर में विधायक रहते ही दक्षिण कोटा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा और विजय हुए.
- साल 2019 में पुनः उसी लोकसभा क्षेत्र से दोबारा चुनाव लड़ा और इस बार फिर लोकसभा के लिए चुने गएँ. एमपी बनने के बाद लोकसभा का अध्यक्ष बन गएँ.
- साल 2024 में पुनः उसी लोकसभा क्षेत्र से दोबारा चुनाव लड़ा और इस बार फिर लोकसभा के लिए चुने गएँ. एमपी बनने के बाद दूसरी बार लोकसभा का अध्यक्ष बन गएँ.
- देशवासियो को पूर्ण विश्वास है कि आज नई दिल्ली स्थित संसद भवन में राजस्थान गौरव, वैश्य गौरव कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र से लोकप्रिय सासंद ओम बिड़ला के दीर्घकालीन जनसेवा का अनुभव, विस्तृत संसदीय ज्ञान एवं कुशल कार्यप्रणाली का लाभ सदन के समस्त सम्मानित सदस्यों को पूर्व की भांति प्राप्त होता रहेगा। निश्चित ही, आपका यह कार्यकाल भी ऐतिहासिक नवोन्मेष के साथ नित नई उपलब्धियों से सम्पूरित होगा तथा वर्तमान सदन पुनः राष्ट्रोत्थान के महान संकल्पों की सिद्धि का साक्षी बनेगा। संसद में पूर्व की भाति नए लोक लुभावने आम जन हितार्थ ऐतिहासिक बिल पारित होंगे जो आगामी भारत को विश्वगुरु बनने की और मार्ग प्रशस्त करने में अहम् भूमिका निभाएगा।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar