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रणनीति दक्षिण बनाम दक्षिण
-राजेश कुमार सिंह,राजनीति संपादक
नई दिल्ली-
संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के नामांकन के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।हालाँकि एनडीए अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान करने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बातचीत की और उनकी पार्टी से अपने उम्मीदवार के समर्थन मांगा , लेकिन इंडिया ब्लॉक चुनाव को लेकर अपने प्रत्याशी की घोषण के बीच चुनावी समीकरणों और नंबर गेम ने इस मुकाबले को और भी दिलचस्प बना दिया।उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्ष ने सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। नामांकन प्रक्रिया 7 अगस्त से शुरू हो गई है और चुनाव 9 सितंबर को होगा, जिसके परिणाम भी उसी दिन घोषित किए जाएंगे।
एनडीए की रणनीति
एनडीए ने अपनी रणनीति के तहत सीपी राधाकृष्णन को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। राधाकृष्णन की उम्मीदवारी के पीछे उनकी राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव एक बड़ी वजह है। वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और तमिलनाडु के वरिष्ठ बीजेपी नेता भी हैं।राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर काफी प्रभावशाली रहा है। इसके साथ ही बीजेपी ने दक्षिण भारत की राजनीति को भी साधने की कोशिश की है, क्योंकि बीजेपी साउथ में छोटे दलों के साथ गठबंधन कर पैठ बनाने की कोशिश कर रही । ये मुक़ाबला डीएमके को सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि वह तमिलनाडु के कोयंबटूर से हैं और वह वहां से दो बार सांसद भी रह चुके हैं और तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके अलावा, वे झारखंड के राज्यपाल भी रह चुके हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं।
इंडिया ब्लॉक की चुनौती
विपक्ष तेलंगाना से आने वाले सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हैं। रेड्डी की उम्मीदवारी के पीछे उनकी कानूनी विशेषज्ञता और निष्पक्षता एक बड़ी वजह है। विपक्ष का तर्क है कि राधाकृष्णन की उम्मीदवारी केवल एनडीए की जीत के लिए नहीं है, बल्कि यह भी देखना होगा कि विपक्ष का उम्मीदवार कितना मजबूत है।लेकिन रेड्डी के उम्मीदवारी की घोषणा ने दक्षिण बनाम दक्षिणी की लड़ाई बना दिया है।
प्रक्रिया
उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा और परिणाम भी उसी दिन घोषित किए जाएंगे। चुनाव प्रक्रिया के तहत संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य मिलकर मतदान करेंगे। इस चुनाव में राज्यों की विधानसभाओं के विधायकों की कोई भागीदारी नहीं है।
आँकड़ों का गणित
चुनाव के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 782 सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं, जिसमें 542 लोकसभा और 240 राज्यसभा के हैं. चुनाव में.. बहुमत के लिए 392 सांसदों की जरूरत होगी। दोनों सदनों की संयुक्त क्षमता 786 है, जिसमें 6 रिक्तियां शामिल हैं - 1 लोकसभा (बशीरहाट, पश्चिम बंगाल) में और 5 राज्यसभा से जिनमें चार जम्मू-कश्मीर से और एक पंजाब से, जहां आप सांसद संजीव अरोड़ा ने राज्य विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था। वहीं, सरकार के पक्ष में 427 सांसदों का समर्थन बताया जा रहा है, जिसमें 293 लोकसभा और 134 राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं।इसके इतर विपक्ष के पास 355 सांसदों का गणित है। जिसमें 249 लोकसभा और 106 राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं।हालांकि, इनमें से 133 सांसदों का समर्थन अभी अनिर्णित माना जा रहा है जो इस चुनाव के फैसले में निर्णायक साबित हो सकता है। इन्हीं अनिर्णित 133 वोटों को अपने पक्ष में करने की कोशिशें तेज हो गई हैं।इंडिया ब्लॉक को होने वाली बैठक में इस नंबर गेम पर चर्चा हो सकती है।कांग्रेस और अन्य दलों के नेता अपने उम्मीदवार को मजबूत करने और सरकार के नंबर गेम को चुनौती देने की रणनीति बना सकते हैं।जबकि दूसरी ओर सरकार अपने सहयोगियों साथ मिलकर विपक्ष की कोशिशों को कमजोर करने में जुटी है।इसी क्रम में राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष से बातचीत कर समर्थन मांगा है, क्योंकि इन अनिर्णित वोटों में कई क्षेत्रीय दलों का प्रभाव हो सकता है।
संख्या बल
लोकसभा (542 सांसद)
सरकार के साथ: 293
विपक्ष के साथ: 249
राज्यसभा (240 सांसद)
सरकार के साथ: 134
विपक्ष के साथ: 106
इस समीकरण में साफ दिखता है कि सरकार समर्थित उम्मीदवार को विपक्ष पर बढ़त हासिल है, क्योंकि उनके पास बहुमत से ज्यादा यानी 427 सांसदों का समर्थन है। वहीं विपक्ष 355 सांसदों के साथ थोड़ी दूरी पर है।अब देखना होगा कि क्या विपक्ष एकजुट रह पाता है... या कुछ सांसद क्रॉस वोटिंग कर सरकार समर्थित उम्मीदवार की राह आसान कर देंगे । ऐसी स्थिति में उप राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। एनडीए के पास संसद में बहुमत होने के बावजूद विपक्ष की चुनौती को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। देखना होगा कि कौन सा उम्मीदवार जीतता है और उप राष्ट्रपति पद पर कौन बैठता है ।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Aishwarya Sinha