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कालाजार उन्मूलन • जिले के दो प्रखंड में चल रहा है सघन कलाजार छिड़काव अभियान
- बड़हिया और पिपरिया प्रखंड में चल रहा छिड़काव अभियान
- छिड़काव टीम घर-घर जाकर कर रही छिड़काव, बचाव को लेकर भी किया जा रहा है जागरूक
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लखीसराय, 17 अक्टूबर। कालाजार उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। इसे सुनिश्चित करने को लेकर हर जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि कालाजार पर रोकथाम सुनिश्चित कराने के लिए आमलोगों के भी सहयोग की जरूरत है। इसलिए, कालाजार उन्मूलन को लेकर छिड़काव अभियान को सफल बनाने के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को भी सकारात्मक सहयोग करना चाहिए। जिले के दो कालाजार प्रभावित प्रखंडों (बड़हिया और पिपरिया) में सघन छिड़काव अभियान चल रहा है। जिसके तहत छिड़काव टीम द्वारा घर-घर जाकर छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी देते हुए सामुदायिक स्तर पर जागरूक भी किया जा रहा है।
- कालाजार उन्मूलन को लेकर आमजनों के सहयोग की भी जरूरत :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार ने बताया, कालाजार बीमारी को पूरी तरह जड़ से मिटाने के लिए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह कटिबद्ध है। किन्तु, इसे सार्थक रूप देने के लिए आमजनों का भी सहयोग अपेक्षित है। इसलिए, मैं तमाम लोगों से अपील करता हूँ कि छिड़काव के दौरान छिड़काव टीम का सहयोग करें और सभी लोग निश्चित तौर पर अपने-अपने घरों में छिड़काव कराएं। लक्षण दिखने पर तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान में जाँच कराएं और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श का पालन करें। यही इस बीमारी पर रोकथाम और इससे बचाव का सबसे बेहतर और कारगर उपाय है। वहीं, उन्होंने बताया, छिड़काव के दौरान एक भी घर छूटे नहीं, इसको लेकर छिड़काव टीम को भी आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
- सदर अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की सुविधा है उपलब्ध :
कालाजार मरीजों की जाँच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जिसके कारण संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाती है। साथ ही पाॅजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रूपये संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है। 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना, कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो, लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।
- कालाजार के लक्षण :
- लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
- वजन में लगातार कमी होना।
- दुर्बलता।
- छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
- छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
- घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं। छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
- छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री , बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिससे कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
- अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Swapnil Mhaske