कालाजार उन्मूलन के लिए समुदाय के साथ सवास्थ्य कर्मी को रहना होगा सतर्क : सिविलसर्जन

जिले में कालाजार हेतु दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण
ग्रामीण चिकित्सक को दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण

शेखपुरा -

कालाजार उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने समुदाय के अंतिम पायदान तक पहुँचने का निर्णय लिया है . इसके लिए जो गाँव के चिकत्सक यानि ग्रामीण चिकित्सक होते हैं उन्हें भी इस बीमारी के उन्मूलन हेतु शामिल किया गया है .इसी संदर्भ में गुरुवार के दिन सिविल सर्जन कार्यालय में जिले के सभी ग्रामीण चिकित्सक को सिविल -सर्जन डॉ संजय कुमार की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है .
इस अवसर पर डॉ संजय कुमार ने बताया की कालाजार बीमारी के उन्मूलन हेतु समुदाय के साथ हम सभी को हमेशा सतर्क रहना होगा .लोगों को को ये समझाने की जरुरत है की कभी भी गंदगी को अपने आस -पास न जमा होने दें .क्योकि किसी भी बीमारी का पहला रास्ता रास्ता यहीं से गुजरता है . इसमें आप सभी ग्रामीण चिकित्सक की भूमिका अहम् हों जाती है ,क्योकिं आप सब हर रोज समुदाय के संपर्क में रहते हैं .

जिले में अभी नहीं है कोई कालाजार मरीज :
जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया की 2021 में कालाजार के 5 मरीज मिले थे ,वही 2022 में सिर्फ 2 मरीज मिला था .जो सफल उपचार के बाद पूरी तरह से ठीक हैं . साल 2022 के बाद से अभी तक कोई मरीज नहीं मिला है ,ये हमसभी के लिए एक उपलब्धी है .अगर हम इसी तरह से काम करते रहे तो हम शेखपुरा जिला को कालाजार मुक्त जिला बनाने में जल्द ही कामयाब हो जायंगे .

सदर अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की सुविधा है उपलब्ध :
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्याम सुन्दर ने बताया, कालाजार मरीजों के जाँच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जिसके कारण संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान की जानकारी उन्हें दी जायेगी। साथ ही पाॅजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रूपये संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है। 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।
इस अवसर पर भीबीडीसीओ नेहा कुमारी , भीबीडीसी मनोज कुमार साह, पिरामल के प्रतनिधि अनुजित रॉय मौजूद थे .

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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